Rumored Buzz on Shodashi

Wiki Article



एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः

सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥

Goddess is popularly depicted as sitting within the petals of lotus that is definitely retained on the horizontal entire body of Lord Shiva.

हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना

पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥

लक्ष्मीशादि-पदैर्युतेन महता मञ्चेन संशोभितं

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति here भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

The Shodashi Mantra is a 28 letter Mantra and so, it has become the most basic and least difficult Mantras for you to recite, remember and chant.

श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।

To the fifth auspicious working day of Navaratri, the Lalita Panchami is celebrated as being the legends say this was the working day in the event the Goddess emerged from hearth to get rid of the demon Bhandasura.

Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra sharpens the mind, boosts concentration, and improves mental clarity. This benefit is effective for college kids, gurus, and those pursuing intellectual or Innovative aims, mainly because it fosters a disciplined and concentrated method of tasks.

सा देवी कर्मबन्धं मम भवकरणं नाश्यत्वादिशक्तिः ॥३॥

सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।

Report this wiki page